ब्रह्मांड(Universe) की उत्पत्ति के बारे में महान वैज्ञानिकों ने अपने अपने अलग-अलग राय दिए अभी तक ब्रह्मांड के बारे में किसी को भी पूरी तरह जानकारी नहीं है इसकी उत्पत्ति कैसे हुई अभी तक एक रहस्यमय सवाल बना है. लेकिन ब्रह्माण्ड की उत्पति में बिग बैंग सिद्धांत सबसे ज्यादा मान्य है
ब्रह्मांड(Universe) का निर्माण महाविस्फोट यानी बिग बैंग से हुआ था. Scientist ने बताया है कि लगभग 13.8 अरब साल पहले यह रहस्यमय महाविस्फोट किस तरह हुआ होगा. Big-Bang सिद्धांत कहता है कि अरबों साल पहले पूरा ब्रह्मांड पदार्थों और ऊर्जा के एक बिंदु के रूप में था इस बिंदु के केंद्र में महाविस्फोट हुआ जिसके बाद वह फैलता गया और उसी के परिणाम स्वरूप ब्रह्मांड का जन्म हुआ है जो मौजूदा समय में हमारे सामने है.
क्या है बिग बैंग सिद्धांत(Big Bang Theory)-
बिग बैंग सिद्धांत ब्रह्मांड की रचना की एक वैज्ञानिक सिद्धांत है. इसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि यह ब्रह्मांड कब और कैसे बना? जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने इस सिद्धांत को समझाया था. इसके अनुसार करीब 14 अरब साल पहले पूरे भौतिक तत्व और ऊर्जा एक बिंदु में सिमटी हुई थी. फिर इस बिंदु ने फैलना शुरू किया. बिग बैंग, बम विस्फोट जैसा विस्फोट नहीं था बल्कि इसमें, प्रारंभिक ब्रह्मांड के कण, समूचे अंतरिक्ष में फैल गए और एक दूसरे से दूर भागने लगे.
ब्रह्मांड की उम्र –
पता चल गया ब्रह्मांड का सही नाप-
आकाश अनंत है. इसका कोई ओर-छोर नहीं है. ये कितना बड़ा है इसका कोई ठोस अंदाज़ा अब से पहले तक नहीं था.
मगर बरसों की मेहनत के बाद अब कुछ वैज्ञानिक ये दावा करने लगे हैं कि उन्होंने ब्रह्मांड को नाप लिया है.
ताज़ा अनुमान कहते हैं कि ब्रह्मांड 93 अरब प्रकाश वर्ष चौड़ा है. प्रकाश वर्ष वो पैमाना है जिससे हम लंबी दूरियां नापते हैं. प्रकाश की रफ़्तार बहुत तेज़ होती है. वो एक सेकेंड में क़रीब दो लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है. तो एक साल में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है उसे पैमाना बनाकर दूरी को प्रकाश वर्ष में नापते हैं.
इतनी लंबी दूरी को किलोमीटर या मील में बताना बेहद मुश्किल है. इसीलिए प्रकाश वर्ष को पैमाना बनाया गया है.
हम जिस धरती पर रहते हैं, वो सौर मंडल का हिस्सा है. सौर मंडल में आठ ग्रह हैं, जो सूरज का चक्कर लगाते हैं. सूरज एक तारा है, जो हमारी आकाशगंगा, ‘मिल्की वे’ का हिस्सा है.
आकाशगंगा बहुत सारे तारों और उनका चक्कर लगाने वाले ग्रहों, उल्कापिंडों और धूमकेतुओं को मिलाकर बनती है.
ब्रह्मांड(Universe) में हमारी ‘मिल्की वे’ आकाशगंगा जैसी बहुत सी आकाशगंगाएं हैं. ये कितनी हैं. इनका आकार कैसा है, इस बारे में बरसों से वैज्ञानिक कोई ठोस अंदाज़ा लगाने में जुटे हैं.
ब्रह्मांड का अंत-
वर्तमान में ब्रह्माण्ड के फैलाव तथा अंत के विषय में चार प्रमुख सम्भावनाएं व्यक्त की गई हैं –
1) महा-विच्छेद (The Big Rip)- इस सम्भावना के अनुसार ब्रह्माण्ड(Universe) तब तक विस्तारित होता रहेगा जब तक प्रत्येक परमाणु टूट कर इधर-उधर फ़ैल नही जायेगा. यह ब्रह्माण्ड के अंत का सबसे भयानक घटना होगी लेकिन ब्रह्मांड को इस अवस्था में देखने के लियें हम जीवित नही रहेंगे क्योंकि इस अवस्था तक पहुचने से पहले से हमारी आकाशगंगा, ग्रह और हम नष्ट हो चुके होंगे. वैज्ञानिकों के अनुसार यह घटना आज से लगभग 23 अरब वर्ष बाद होगी.
2) महा-शीतलन (The Big Freeze)- इस सम्भावना के अनुसार ब्रह्माण्ड के विस्तार के कारण सभी आकाशगंगाएँ एक दूसरे से दूर चले जायेंगी तथा उनके बीच कोई भी सम्बंध नहीं रहेगा. इससे नये तारों के निर्माण के लिये गैस उपलब्ध नहीं होगा. इसका परिणाम यह होगा कि ब्रह्माण्ड में उष्मा के उत्पादन में अत्याधिक कमी आयेगी और समस्त ब्रह्माण्ड(Universe) का तापमान परम-शून्य (एब्सोल्यूट जीरो) तक पहुँच जायेगा. और महा-शीतलन के अंतर्गत हमारे ब्रह्माण्ड का अंत हो जायेगा.
वैज्ञानिकों के अनुसार यह ब्रह्माण्ड के अंत की सबसे अधिक सम्भावित अवस्था है. कुछ भी हों लेकिन यह भी पूरी तरह से निश्चितता से नहीं कहा जा सकता कि इसी अवस्था से ब्रह्माण्ड का अंत होगा.
3) महा-संकुचन (The Big Crunch)- इस सम्भावना के अनुसार एक निश्चित अवधि के पश्चात् इसके फैलाव का क्रम रुक जायेगा और इसके विपरीत ब्रह्माण्ड संकुचन करने लगेगा अर्थात् सिकुड़ने लगेगा और अंत में सारे पदार्थ बिग-क्रंच की स्थिति में आ जायेगा. उसके बाद एक और बिग-बैंग होगा और दूबारा ब्रह्माण्ड का जन्म होगा. क्या पता कि हमारा ब्रह्माण्ड किसी अन्य ब्रह्माण्ड के अंत के पश्चात् अस्तित्व में आया हो?
4) महाद्रव-अवस्था (The Big Slurp)- इस सम्भावना के अनुसार ब्रह्माण्ड स्थिर अवस्था में नही है. और हिग्स-बोसॉन ने ब्रह्माण्ड को द्रव्यमान देने का काम किया है. जिससे यह सम्भावना है कि हमारे ब्रह्माण्ड के अंदर एक अन्य ब्रह्माण्ड(Universe) का जन्म हो और नया ब्रह्माण्ड हमारे ब्रह्माण्ड को नष्ट कर देगा
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