दिल्ली का काला बन्दर(Monkey Man in Delhi) एक बहुत ही असाधारण उत्पाती प्राणी था जो की सन् 2001 के मध्य में दिल्ली और इसके आस पास के राज्य में रात्रि के समय प्रकट होता था.
मई 2001 के आरम्भ में , रात्रि के समय एक काले रंग का भयानक प्राणी प्रकट होते ही मानव जाती पर हमला कर देता था। इसे देखने वाले इसके बारे में ,इसकी लम्बाई 4 फ़ीट,सारे बदन में काले घने बाल ,चेहरा हेलमेट से ढका हुआ ,धातु के पंजे, लाल आँखे कुछ इस प्रकार बताते थे।
इस अजीब से साये को नाम दिया गया था काला बन्दर. लेकिन आज तक यह कोई नहीं जान पाया है कि वह काला बन्दर कैसा था? पुलिस ने दावा किया था कि उसने काले बन्दर को पकड़ लिया है लेकिन कब और कैसे कोई नहीं जानता है.
लोगो का मानना
यह एक छाया के रूप में लोगों को नजर आ रहा था. इस बन्दर की वजह से कुछ 3 लोगों की जान गयी थी और कुछ दर्जन भर लोग घायल थे.
कुछ लोग बताते थे कि यह आधा इंसान जैसा था और आधा जानवरों जैसा दिखता था. वह कुछ 6 फुट लम्बा था और लम्बी छलांगें भी मारता था.
यह काला बन्दर(monkey man) हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोगों पर हमला कर रहा था और कोई नहीं जानता था कि यह क्या है? लोग तो ऐसा बोलने लगे थे कि यह पाकिस्तान का भेजा आंतक है.
यह काला बंदर, छतों के रास्ते आता था और वहीं से कूदता हुआ गायब हो जाता था. इसके डर की वजह से कई लोग तो छतों से ही कूद जाते थे. यह अक्सर उन्हीं गरीब इलाकों में आता था जहाँ लोग छतों पर सोते थे.
छह फुट लम्बा यह काला बन्दर लोगों के पैर और कमर को निशाना बना रहा था. वह रात को सोते हुए लोगों पर हमला करता था.
पुलिस के बनाया स्क्रेच
पुलिस ने जो स्केच बनाया था और लोगों ने जो बताया था उसके अन्दर भी काफी मतभेद था. पुलिस के अनुसार वह कुछ 5 फीट का था और काला कोट पहनता था जबकि लोगों के अनुसार उसकी आँखें चमकती थी और वह हेलमेट भी लगाता था.
वैसे काले बन्दर(monkey man) को इतना ज्यादा बड़ा बनाने वाला मीडिया भी था जो 24 hours काले बन्दर की खबरें पेश कर रहा था.
मंकी मेन का खौफ दिल्ली के उन इलाकों में था जो गरीब थे और जहाँ लोग छतों पर सोते थे. इसी डर के कारण लोगों ने छत पर सोना भी बंद कर दिया था.
कुछ लोग इसे हिन्दू देवताओं का भी रूप बताने लगे थे और लोगों के अनुसार भगवान उन्हीं पर हमला कर रहे थे जो लोग गलत थे और पाप करते थे
आखिर में दिल्ली पुलिस यह दावा करती है कि उसने काले बन्दर को पकड़ लिया है और मीडिया के साथ मिलकर लोगों के दिलों से काले बन्दर का डर निकाला जाता है.
मंकी मैन का जांच(Monkey Man)
लेकिन दिल्ली पुलिस की कई स्तर की जांच के बाद यह बात निकलकर सामने आई थी कि मंकीमैन(monkey man) जैसा कोई आदमी या जानवर नहीं है। यह लोगों की महज दिमागी उपज है। मंकीमैन का आतंक दिल्ली में यमुनापार के इलाकों से शुरू हुआ था। उस वक्त इस मामले पर बारीकी से निगाह रखने वाले नई दिल्ली रेंज के जॉइंट पुलिस कमिश्नर रिटायर्ड आईपीएस सुरेश राय ने एनबीटी को बताया कि हर रोज हमें मंकीमैन द्वारा घायल करने की कॉल मिलती थी। शुरूआत में लगा कि यह मसला एक-दो दिनों में थम जाएगा। लेकिन उस वक्त मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के ना होने के बावजूद यह अफवाह दिल्ली में दिनों दिन आग की तरह फैलती गई। हमारे पास मंकीमैन द्वारा घायल करने की कई कॉल आती थीं।
उन्होंने बताया, हमने तय किया कि इन सभी का मेडिकल कराया जाएगा ताकि कम से कम हमें यह तो पता लगे कि क्या इन्हें किसी जानवर ने काटा है। एक भी केस ऐसा नहीं मिला जिसमें किसी का जख्म एनिमल बाइट द्वारा दिया गया हो। लेकिन तमाम घायलों की बारीकी से जांच करने के बावजूद हमें एक भी मामले में किसी जानवर द्वारा पंजा मारने या फिर काटने का कोई सबूत नहीं मिला। हां, लक्ष्मीनगर से हमने एक शख्स को गिरफ्तार किया था। उसने मंकी कैप पहनी हुई थी और पंजा भी मेटल का बनाया हुआ था। वह मानसिक रोगी निकला और लोगों को इस तरह से डरा रहा था।
मंकी मैन एक अफवाह(Monkey Man)
उस वक्त के दिल्ली पुलिस के पीआरओ रवि पंवार बताते हैं कि मुझे याद है कि जब मंकीमैन(monkey man) की अफवाहों का बाजार बहुत गर्म होने लगा तो हमने ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर करनी शुरू कर दी। पंवार ने बताया कि चोटी कटने की घटनाओं के सामने आने के बाद उन्हें खुद दिल्ली में मंकीमैन का जमाना याद आ गया था। जिसमें जरा भी सच्चाई नहीं थी।
बस यह लोगों का वहम था और इस वहम ने ऐसी हवा को जन्म दिया कि कितने ही लोग इसे सच मान बैठे। कितने ही लोग अपनी ही परछाई से डरकर छत से गिर गए। इनमें काफी लोग घायल हुए थे और कुछ की मौतें भी हुईं। जितने भी लोग घायल हुए थे, उनमें से जब क्रॉस पूछताछ की गई तो कोई भी यह नहीं बता सका था कि हां, उसने अपने सामने मंकीमैन को देखा था। सब यही कहते थे कि उन्हें लगा कि मंकीमैन ने उनके ऊपर हमला किया था। अगर सामान्य बंदर भी किसी की छत पर आ जा रहा था तो लोग उसे भी मंकीमैन(monkey man) समझकर डर रहे थे। लेकिन जांच पूरी होने के बाद यह महज अफवाह निकली।
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