अंटार्कटिका में बर्फीली मछली यानी आइसफिश (Icefish) के 6 करोड़ घोंसले मिले हैं. ये घोंसले अंटार्कटिका के वेडेल सागर (Weddell Sea) की तलहटी में खोजे गए. इतनी बड़ी मात्रा में इन मछलियों की संख्या और घोंसले देखकर वैज्ञानिक हैरान रह गए. क्योंकि इससे पहले कभी भी इतनी ज्यादा मात्रा में किसी भी मछली के घरों को नहीं देखा गया था. यह किसी भी मछली की दुनिया में सबसे बड़ा ब्रीडिंग ग्राउंड यानी प्रजनन केंद्र माना जा रहा है.
व्हेल मछलियों पर स्टडी के दौरान मिला icefish का घोंसला –
अल्फ्रेड वेगनर इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट ऑटन पर्सर(Autun Purser) अंटार्कटिका में व्हेल मछलियों पर स्टडी कर रहे थे. तभी उनके स्टूडेंट लिलियन बोरिंगर ने अपने कैमरा फीड में कुछ अजीबो-गरीब नजारा देखा. उन्होंने ऑटन को ब्रिज पर बुलाया. जब ऑटन ने कैमरे की स्क्रीन को देखा तो हैरान रह गए, क्योंकि जहाज के नीचे करोड़ों की संख्या में आइसफिश (Icefish) के घोंसले दिख रहे थे.
ऑटन पर्सर (Autun Purser)ने कहा कि हमें सामान्य अंटार्कटिक समुद्री तल देखने की उम्मीद थी। लेकिन हमारी खोज के शुरुआती चार घंटों के दौरान हमने मछलियों के घरों के अलावा कुछ नहीं देखा। Ocean Floor Observation और बाथमीट्री सिस्टम का इस्तेमाल करके इस अद्भुत पारिस्थितिक तंत्र की खोज की गई है।
ऑटन और लिलियन ओशन फ्लोर ऑब्जरवेशन एंड बाथ मिट्री सिस्टम (OFOBS) की स्क्रीन पर लाइव फीड देख रहे थे. यह कैमरा जहाज के नीचे लगा हुआ था.
मछलियों का नेविगेशनल टूल है गर्म पानी –
बाथमीट्री सिस्टम एक भारी-भरकम कैमरा डिवाइस होता है जो फोटो, वीडियो रिकॉर्ड करता है और गहरे समुद्र के आवासों का माप लेता है। शोधकर्ताओं को शुरू में इस क्षेत्र में दिलचस्पी थी क्योंकि अपवेलिंग नामक एक प्रक्रिया के चलते हवा और धाराएं ठंडे पानी को सतह पर लाती हैं। इससे पानी आसपास के क्षेत्र की तुलना में गर्म हो जाता है। पर्सर ने कहा कि अपनी कॉलोनी का पता लगाने के लिए मछली इस गर्म पानी का इस्तेमाल नेविगेशनल टूल के रूप में कर सकती हैं।
Icefish मछली का खून सफ़ेद –
आइसफिश (Icefish) के घोंसले सागर की तलहटी की मिट्टी में कटोरे के आकार के बने दिखाई दे रहे थे. इन मछलियों को वैज्ञानिक भाषा में नोटोथेनिऑयड आइसफिश कहते हैं. ये आमतौर पर बेहद सर्द दक्षिणी समुद्री इलाकों में रहती हैं. ये इकलौती ऐसी कशेरुकीय यानी वर्टिब्रेट जीव हैं, जिनके खून में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) नहीं पाया जाता. आइसफिश (Icefish) के खून में हीमोग्लोबिन नहीं होने की वजह से इनका खून सफेद रंग का होता है. इसलिए इन्हें व्हाइट ब्लडेड भी कहा जाता है.
Icefish के अंडे –
ऑटन ने बताया कि आइसफिश (Icefish) आमतौर पर समूहों में अपने घोंसला बनाती हैं. एक जगह पर कम से कम 40 घोंसले बनते हैं. जब हम 240 वर्ग किलोमीटर इलाके में घूमे तो हमने पाया कि यहां पर करीब 6 करोड़ घोंसले हैं. इससे पहले दुनियाभर के किसी भी वैज्ञानिक ने ऐसा नजारा नहीं देखा था. इससे पहले वैज्ञानिकों को मछलियों के 60 घरों की सबसे बड़ी कॉलोनी मिली थी। एक आइसफिश एक बार में कम से कम 1700 अंडे देती है.
ऐसा नजारा नहीं देखा –
वेगेनर इंस्टीट्यूट में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर और महासागर वैज्ञानिक ऑटन पर्सर ने कहा कि वो पिछले 15 सालों से लगातार समुद्र के अंदर रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन पिछले 15 सालों में उन्होंने ऐसा नजारा इससे पहले कभी नहीं देखा और वैज्ञानिकों ने कहा कि, ये काफी अनोखा नजारा है।
अब तक की सबसे बड़ी फिश कॉलोनी –
शोधकर्ताओं ने कहा कि मछलियों की ये कॉलोनी करीब 240 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा के क्षेत्र में फैली हुई है और औसतन, प्रत्येक तीन वर्ग मीटर के क्षेत्र में एक घोंसले के निर्माण किया गया है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि, कॉलोनी में लगभग 6 करोड़ सक्रिय घोंसले शामिल हैं। समान रूप से दूरी वाले प्रत्येक घोंसले लगभग 15 सेंटीमीटर (6 इंच) गहरे और 75 सेंटीमीटर व्यास वाले थे, जिनमें औसतन 1,735 अंडे थे। ज्यादातर घोसलों को वयस्क मछलियों ने संरक्षित कर रखा था। कुछ घोंसलों में केवल अंडे दिखाई दिए हैं और कुछ घोसलों का अब इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।
बड़े इलाको में मछलियों के घोंसले –
जांच में पता चला कि यहां पर बेहद सूक्ष्म जूप्लैंक्टॉन्स रहते हैं. ये ज्यादातर घोंसलों के आसपास मिलते हैं. जहां पर मछलियां अंडे सेती हैं. साथ ही जूप्लैंक्टॉन्स को खाती भी हैं. हालांकि, ऑटन और लिलियन को लगता है कि उन्होंने जितने बड़े इलाके की जांच की है,उससे कहीं ज्यादा बड़े इलाके में इन मछलियों ने अपने घोंसले बनाए हुए हैं. अब इन लोगों का प्लान है कि ये दोबारा अप्रैल 2022 में वेडेल सागर में वापस जाएंगे, ताकि फिर से इन आइसफिश (Icefish) की स्टडी कर सके.
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