स्टारलाइनर के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के साथ ही स्पेस कैप्सूल बनवाने के लिए कंपनियों में होड़ पैदा करने की लंबे समय से चली आ रही नासा की कोशिशें कामयाब हो गईं.
स्पेस एक्स पहले ही यह काम कर चुका है. इलॉन मस्क की इस कंपनी ने तीन साल पहले इसकी शुरुआत की थी. तब से अब तक अंतरिक्ष यात्री और सैलानियों समेत 18 लोग इन कैप्सूलों के जरिये अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं.
नासा को अंतरिक्ष के लिए चाहिए कई टैक्सियां
नासा के अंतरिक्ष यात्री बॉब हाइन्स ने स्पेस स्टेशन से रेडियो पर कहा, “आज मील का एक बड़ा पत्थर हासिल हुआ है. स्टारलाइनर(Star liner) स्टेशन के सामने बहुत खूबसूरत दिख रहा है.”
इससे पहले बोइंग का स्टारलाइनर सिर्फ एक बार ही अंतरिक्ष में गया था, लेकिन वह कभी भी स्टेशन के पास नहीं पहुंच पाया और एक गलत कक्षा में फंस कर रह गया. इस बार काफी बदलाव के साथ तैयार हुआ अंतरिक्ष यान गुरुवार को लॉन्च होने के 25 घंटे बाद सही जगह पहुंचकर स्टेशन पर डॉक करने में कामयाब रहा. शुरुआत में कुछ झटके जरूर लगे, लेकिन इसके बाद कोई और परेशानी नहीं हुई. अगर स्टारलाइनर का बाकी मिशन सही से पूरा हो जाता है, तो इस साल के आखिर तक बोइंग क्रू के साथ पहली बार अंतरिक्ष जाने में सफल हो जायेगा. इस बार यान में सिर्फ डमी और कुछ दूसरी चीजें रखकर भेजी गई हैं.
नासा अंतरिक्षयात्रियों के लिए टैक्सी सेवा में बहुतायत चाहती है. नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन का कहना है कि बोइंग का स्टारलाइनर(Star liner) के साथ लंबा सफर दो तरह के क्रू कैप्सूल का महत्व बताता है. अमेरिका के शटल प्रोग्राम बंद करने के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री रूसी रॉकेटों से यात्रा करने पर मजबूर हो गये थे. 2020 में स्पेसएक्स के रॉकेटों में अंतरिक्ष यात्रियों के जाने के बाद नासा की रूस पर निर्भरता खत्म हुई.
कई बार मिल चुकी है नाकामी
2019 में बोइंग के स्टारलाइनर का पहला परीक्षण सॉफ्टवेयर की गड़बड़ियों के कारण फंस गया और मिशन इतना छोटा हो गया कि इसे अंतरिक्ष यान कहा भी नहीं जा सका. इन गड़बड़ियों को ठीक करने के बाद जब कैप्सूल दूसरी बार उड़ान भरने वाला था, तभी वाल्वों में गड़बड़ी हो गई और फिर काउंटडाउन रोकना पड़ा. इस बार कुछ और सुधार हुए. इस दौरान बोइंग का 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा अतिरिक्त खर्च हुआ.
शुक्रवार को Starliner के स्पेस स्टेशन के करीब जाने से पहले जमीन पर मौजूद बोइंग के कंट्रोलरों ने कैप्सूल की कुशलता का अभ्यास किया और इसके रोबोटिक विजन सिस्टम को परखा. सब कुछ अच्छी तरह से काम कर रहा था. बोइंग का कहना है कि कूलिंग लूप और दो थ्रस्टर ठीक से काम नहीं कर रहे थे. हालांकि, कैप्सूल के लिए कई और थ्रस्टर वहां मौजूद थे, इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई.
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स्टारलाइनर जब स्पेस स्टेशन से 15 किलोमीटर दूर था, तब ह्यूस्टन में बोइंग के फ्लाइट कंट्रोलर कैप्सूल के कैमरे से स्पेस स्टेशन को देख सकते थे. स्टेशन पर मौजूद बॉब हाइन्स ने मजाक किया, “हम हाथ हिला रहे हैं. क्या तुम हमें देख सकते हो?”
दो घंटे तक फ़सा रहा कैप्सूल
चमचमाते सफेद और नीले रंग का कैप्सूल स्टेशन से 10 मीटर की दूरी पर करीब 2 घंटे तक अटका रहा, क्योंकि फ्लाइट कंट्रोलर इसके डॉकिंग रिंग को एडजस्ट कर रहे थे और इस तरह से यह तय किया गया कि सब कुछ बिल्कुल ठीक रहे. आखिरकार जब हरी बत्ती जली, तो स्टारलाइनर ने महज चार मिनट में ही यह फासला तय कर लिया. स्टेशन पर डॉक करने के बाद स्टेशन और धरती, दोनों जगह तालियां बजीं. इस मौके पर हाइंस ने कहा, “स्टारलाइनर इसके (डमी) कमांडर रोजी और रॉकेटियर और उन सभी लोगों, जिन्होंने अपना दिल और दिमाग इस वाहन और मिशन में लगाया है, उन सबका इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में स्वागत है.”
स्पेस स्टेशन पर मौजूद सातों एस्ट्रोनॉट राशन का सामान और दूसरी चीजें स्टारलाइनर से उतारेंगे और कुछ प्रयोग करेंगे. स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से उलट स्टारलाइनर अगले बुधवार को न्यू मेक्सिको में उतरने की कोशिश करेगा.
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