अपनी डिजिटल मुद्रा ई-युआन को बढ़ावा देने के लिए चीन ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं.

देश में डिजिटल मुद्रा तेजी से बढ़ रही है, जबकि भारत अभी शुरुआत करने के दौर में है.

कोविड से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन डिजिटल करंसी का इस्तेमाल कर रहा है

महामारी के कारण कम हुए उपभोग को बढ़ावा देने के लिए चीन ग्राहकों के वास्ते खरीददारी को आसान बनाना चाहता है

ताकि वे ज्यादा से ज्यादा चीजें खरीदें और धन खर्च करें. इसके लिए चीन ने डिजिटल करंसी को खासा बढ़ावा दिया है और लोग भी इसे हाथोहाथ ले रहे हैं.

शेनजेन में जारी अभियान में उपभोक्ताओं को मुफ्त ई-युआन पाने के लिए एक लॉट्री में हिस्सा लेना है.

यह मुद्रा दुकानों के अलावा सीधे ऑनलाइन से खरीददारी में भी इस्तेमाल की जा सकती है.

इसी साल अपने सालाना बजट में भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि भारत अगले वित्त वर्ष में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत करेगा.

सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (सीबीडीसी) नामक इस मुद्रा के जरिए भारत डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देना चाहता है.