the
moon
धरती का केवल एक चांद है जिसका हमारे ग्रह के मौसम से गहरा संबंध है.
पूर्णिमा की रात अन्य रातों के मुकाबले ठंडी होती है
लेकिन रात चंद्रमा की वजह से ठंडी नहीं रहती. इसकी वजह है बादलों का ना होना.
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बादल छाए होने की वजह से दिन में पड़ने वाली गर्मी पृथ्वी पर ही रह जाती है
लेकिन,
जब आसमान साफ होता है, तो गर्मी आसानी से अंतरिक्ष में चली जाती है और धरती ठंडी हो जाती है.
चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से ही समुद्र में ज्वार उठता है. ज्वार भाटे से पानी में बड़ी हचलच होती है
Blue Rings
माना जाता है कि अगर ज्वार ना उठें तो पृथ्वी तीन गुना तेजी से घूमेगी. इसके गंभीर परिणाम होंगे.
इससे तूफान बढ़ेंगे जिनकी रफ्तार 500 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है जिससे भारी तबाही होगी.
गर्मियों में तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. वहीं सर्दियों में पारा मायनस 50 डिग्री तक गिर सकता है
चंद्रमा के बिना पृथ्वी लड़खड़ाने लगती. इससे ना सिर्फ दुनिया के मौसम पर, बल्कि जलवायु पर भी दीर्घ कालीन प्रभाव पड़ते.
इससे ना सिर्फ पेड़ पौधे, बल्कि इंसानों की जिंदगियों को भी खतरा होता.
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इसलिए शुक्र मनाइए कि हमारी पृथ्वी के पास चंद्रमा है
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