1952 में भारत को चिता विलुप्त देश घोषित कर दिया गया था
भारत में फिर से चीतों को बसाने का कार्य 2009 में शुरू हुआ था
नामीबिया से 8 हजार KM का सफ़र करके भारत पहुचे 8 चीते
कूनो(MP) पहुंचने के बाद ये चीते 30 दिन तक क्वॉरंटीन रहेंगे
चीतों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए शिवराज सरकार ने 450 से अधिक चीता मित्र नियुक्त किए हैं
चीते दहाड़ते नहीं है बिल्लियों की तरह गुर्राते है
8 महीने का होते ही चिता खुद अपना शिकार करने लगता है
चीता प्रोजेक्ट के लिए 38.70 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है
चीते की अधिकतम रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे की हो सकती है