रविवार यानि 22 May 2022, को Ration Card मामले में खाद्य आयुक्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से आधार हीन है. प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है.
खाद्य एवं रसद आयुक्त
राशन कार्ड सरेंडर करने या अपात्रों से रिकवरी करने के मामले पर प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है. खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा है राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश शासन या उनके स्तर से जारी नहीं किया गया है. राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है और न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही वसूली के लिए कोई आदेश जारी हुआ है. एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशन कार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं.
राशन कार्ड सरेंडर कराने को लेकर मची है हलचल
अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में हलचल है. विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वे अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दें. ऐसा न करने की स्थिति में उनसे वसूली भी हो सकती है. इसका परिणाम यह रहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने की होड़ मच गई. केवल अप्रैल माह में ही 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए. मई माह में आंकड़ा इससे भी पार जाने की स्थिति में है.
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खाद्य विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण
रविवार को इस मामले में खाद्य आयुक्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से आधार हीन है. प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय समय पर चलती है. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है.
सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में 07 अक्तूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनांतर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता ह्रै.
क्या राशन कार्ड में वसूली की जाएगी
रविवार को इस मामले में खाद्य आयुक्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से आधार हीन है. प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय समय पर चलती है. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है.
सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में 07 अक्तूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनांतर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता ह्रै.
क्या राशन कार्ड में वसूली की जाएगी
खाद्य आयुक्त के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं की गयी है. इस विषय में शासन स्तर से या खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए है. उल्लेखनीय है कि विभाग सदैव पात्र कार्ड धारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन Ration Card जारी करता है. एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं.
राशन कार्ड संबंधी कोई नया आदेश शासन की ओर से जारी नहीं किया गया है. राशन कार्ड धारकों से राशन के बदले रिकवरी का प्रावधान तो एक्ट में है ही नहीं. उनसे कैसे वसूली की जा सकती है. लगता है जिला स्तर पर कोई कन्फ्यूजन हो गया है. – सौरभ बाबू, खाद्य एवं रसद आयुक्त
राशन कार्ड के नियम
1. आयकर दाता हों
2. 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट, मकान या फ्लैट हो
3. जिनके चौपहिया वाहन हो, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर हो
4. जिनके पास एयर कंडीशनर है,
5. जिनके परिवार की आय गांवों में दो लाख रुपये और शहरों में तीन लाख रुपये से अधिक है,
6. 5 केवीए क्षमता का जनरेटर हो
7. एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हो
8. 05 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो
भ्रम की स्थिति पैदा कैसे हुई
अहम सवाल यह है कि प्रदेश में Ration Card सरेंडर को लेकर आखिर यह भ्रम की स्थिति कैसे पैदा हो गई. विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने अपात्रों को राशन कार्ड सरेंडर करने और न करने की स्थिति में रिकवरी कराने के आदेश जारी कर दिए. जिलों में जगह-जगह जाँच तक कराई गई. मीडिया और सोशल मीडिया में यह मुद्दा जोरों से उठा. इसका परिणाम यह रहा कि भ्रामक सूचनाओं के आधार पर लोग अपना राशन कार्ड निरस्त कराने के लिए आपूर्ति कार्यालयों के चक्कर काटने लगे. विपक्षी दल भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने लगे. इसके बाद सरकार को यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा.
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