क्या होगा अगर हमारा सूरज मर जाए, कैसा दिखेगा वो, हमारा सौर मंडल, हमारी धरती और जीव-जंतु क्या जीवित रह पाएंगे, या सूरज को मरते हुए देख पाएंगे. वैज्ञानिकों यह पता लगा लिया है कि हमारा सूरज कब और कैसे मरेगा. इसके बाद सौर मंडल का क्या होगा. धरती का क्या होगा. लेकिन अच्छी बात ये है कि हमारा सूरज अभी 12 अरब साल तक जीवित रहेगा.
The Sun-
सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं. सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है. सूर्य के सतह का तापमान 5700 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन सूर्य की कोर का तापमान 1.54 करोड़ डिग्री सेल्सियस होता है.
खुली आंखों से हम आसमान में छह हजार तक सितारे देख सकते हैं. वे हमें छोटे छोटे बिंदुओं जैसे दिखते हैं क्योंकि वे हमसे बेहद दूर हैं. सितारे असल में विशाल खगोलीय पिंड होते हैं जो गर्म और विद्युत आवेशित गैसों से बनते हैं. इनके अंदर इतनी गर्मी और दबाव होता है कि हाइड्रोजन जैसे हल्के एटमी तत्व हीलियम जैसे भारी तत्वों से टकराते रहते हैं. इनके अंदर होने वाले न्यूक्लियर फ्यूजन(Nuclear Fusion) से ही सितारे चमकते हैं.
और एक ऐसा सितारा जो दिन भर हमारे सामने चमकता रहता है, वह सूरज है. क्योंकि वो हमारे बेहद करीब है, इसलिए इसके बारे वैज्ञानिक विस्तार से अध्ययन कर पा रहे हैं. पृथ्वी की तुलना में सूरज बहुत विशाल है. लेकिन बाकी सितारों की तुलना में यह बहुत छोटा है.
सूर्य कब तक चमकेगा –
खगोल शास्त्र ने सितारों को उनकी चमक और रोशनी के रंग के हिसाब से विभिन्न समूहों में बांटा है. ज्यादातर सितारे मेन स्ट्रीम यानी मुख्य क्रम का हिस्सा हैं. मध्य में हमारा सूरज है. इस तरह, वह एक सामान्य सितारा है. लाल छोटे सितारे सबसे छोटे समूह में शामिल हैं. चूंकि इनमें मौजूद हाइड्रोजन धीरे धीरे जलती है, इसलिए उनकी उम्र खरबों साल तक हो सकती है. इसके विपरीत, हमारा सूरज महज 12 अरब सालों तक ही चमक सकेगा.
अब तक खोजा गया जो सबसे भारी सितारा है सूरज से 260 गुना भारी और एक करोड़ गुना ज्यादा चमकदार है. जब इसका सारा ईंधन जल जाएगा तो हो सकता है कि वह सुपरनोवा की तरह यह खत्म हो जाएगा. या फिर ब्लैक होल भी बन सकता है. उससे निकलने वाले परमाणु तत्व अंतरिक्ष में फैल जाएंगे.
माना जाता है कि ग्रहों और जीवित प्राणियों को बनाने वाली सामग्री, जैसे कि हमारे खून में मौजूद आयरन भी सितारों से ही दुनिया में आया है. सूरज की रोशनी और गर्मी के बिना हमारी धरती एक मुर्दाघर होती. सूरज हमें जिंदगी देता है और हमारी आंखों को सुकून भी.
सैटेलाइट से मिली तस्वीरें बताती हैं कि सूरज किस कदर उबल रहा है. यह विद्युत आवेशित तत्वों के बादल अंतरिक्ष में फेंकता रहता है. ये सौर तूफान हमारी धरती तक भी आते हैं. पोलर लाइट्स इन्हीं का नतीजा हैं. सूरत के कण संवेदनशील तकनीक और जीवित प्राणियों के लिए खतरा भी बन सकते हैं.
बड़ी बड़ी दूरबीनों से वैज्ञानिक सुदूर सितारों के चुंबकीय क्षेत्रों पर रिसर्च कर रहे हैं. इन चुंबकीय क्षेत्रों और उनसे जुड़ी जानकारी से सितारों के आसपास की परिस्थितियों को बेहतर रूप से समझने में मदद मिलती है. इससे यह भी पता चलेगा कि क्या कहीं दूर इंसानों के रहने लायक पृथ्वी जैसा कोई दूसरा ग्रह भी है
सूरज की उम्र कितनी है –
वैज्ञानिकों का मानना है कि सूरज की वर्तमान उम्र 4.6 अरब साल हो गई है. और उसकी उम्र अभी 12 अरब साल तक बची है. आज से इतने ही साल बाद जब सूरज का हाइड्रोजन ईंधन खत्म हो जाएगा तो वह ऊर्जा पैदा करने के लिए भारी तत्वों का सहारा लेगा। उस समय सूरज का अनुक्रम चरण समाप्त हो जाएगा। उस समय सूर्य के आकार में अजीबोगरीब परिवर्तन भी देखने को मिलेंगे.
सूरज की लगातार बढ़ती गर्मी और रोशनी से धरती पर जीवन खत्म होने लगेगा. हमारे समुद्र भाप बनकर अंतरिक्ष में उड़ जाएंगे. जमीन इतनी गर्म हो जाएगी कि इस पर रहना मुश्किल हो जाएगा. यही वो समय होगा जब धरती से इंसान समेत सारे जीव मारे जा चुके होंगे, अगर उन्होंने अपने लिए कोई अन्य ग्रह नहीं खोजा तो.
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