पहाड़ या पर्वत तो आप ने कभी न कभी देखा होगा तो क्या आप ने कभी सोचा है की ये पहाड़ बनते कैसे है और इनको बनने में कितना समय लगता है।
परिभाषा(Definition) –
पर्वत पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से उभरा हुआ हिस्सा होता है। ये ज्यादातर आकस्मिक तरीके से बनता है। पर्वत ज्यादातर लगातार समूह में होते है।
पहाड़ के प्रकार(Types of Mountain) –
पहाड़ चार प्रकार के होते है।
- ब्लाक पर्वत (Block Mountain)
- अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountain)
- संचित पर्वत (Accumulated Mountain)
- वलित पर्वत (Fold Mountain)
1. ब्लाक पर्वत (Block Mountain)-
जब चट्टानों में स्थित भ्रंश के कारण बीच का भाग निचे धसं जाता है और आस -पास के भाग ऊपर उठने लगते है तो उसे ही Block Mountain कहते है। बीच में धंसे भाग को रिफ्ट घाटी कहते है। इस पर्वतो के शीर्ष समतल और किनारे भ्रंश कगारों से सिमित होते है।
उदाहरण – यूरोप की राइन घाटी तथा वसजेस पर्वत हार्ज ।
2. अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountain)-
ये पर्वत वाह्य दूतो के मलवो के जमाव के कारण निर्मित होते है।
उदाहरण – बिहार का पारसनाथ , विंध्याचल और सतपुड़ा।
3. संचित पर्वत (Accumulated Mountain) –
यह पर्वत पृथ्वी पर बालू ,मिट्टी ,कंकड़ ,पत्थर और लावा के एक स्थान पर जमा होते रहने के कारण बनता है। रेगिस्तान में बनने वाले बालू के स्तूप इसी श्रेणी में आते है।
4. वलित पर्वत (Fold Mountain) –
जब पृथ्वी की टेक्टोनिक चट्टानें एक दुसरे से टकराती या सिकुड़ती है जिससे पृथ्वी की सतह में मोड़ के कारण उभार आ जाता है तब वलित पर्वत का निर्माण होता है। दुनिया के लगभग सभी ऊँचे और बड़े पर्वत युवा मोड़दार पर्वत है।
उदाहरण- हिमालय ,आल्पस यूराल , रॉकी और एण्डीज। ये सभी युवा अर्थात नये पर्वत है।
ये दुनिया के सबसे नये पर्वत तथा सबसे ऊँचे पर्वत है कुछ पर्वत पुराने होते है। जिनको बने हुए बहुत समय हो चूका है। ये पर्वत अब ऊपर नही उठते बल्कि अब इनका धीरे -धीरे अपरदन होना शुरू हो गया है। जैसे – अरावली पर्वत माला।
पहाड़ को बनने में कितना समय लगता है (How long does it take to make a mountain)-
पहाड़ को बनने में करोड़ो साल का समय लगता है। पृथ्वी पर बने हुए पहाड़ो को चार भागो में बाटा गया है।
- प्री केम्ब्रियन काल – 600 से 3500 Million वर्ष पुराने पहाड़ ।
- केलेडोनियन काल – 300 मिलियन वर्ष पुराने पर्वत ।
- हर्षसीनियन काल – 240 मिलियन वर्ष पुरानी। (इस काल में यूराल पर्वत बना।)
- एल्पाइन काल – 30 मिलियन वर्ष पुराने पर्वत। (इस काल में एण्डीज और हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ। )
पहाड़ के कारण आज जैसा पृथ्वी का नक्शा है , पहले पृथ्वी का नक्शा वैसा नहीं था। पृथ्वी के भौगोलिक दो भागो में बटे हुए थे।
- गोंडवाना लेड
- लोरेसिया लेड
इसके आलावा बाकि सब जगह समुन्द्र था। समय के साथ यह जमीनी भाग बीच में से टूटता गया और छोटे -छोटे टुकड़े समुन्द्र रहते हुए किसी दुसरे टुकड़ो से जाकर जुड़ गया।
भारत देश का भू -भाग पहले दक्षिण अफ्रीका के साथ जुड़ा हुआ था । फिर उससे अलग होकर एशिया महाद्वीप के साथ जुड़ गया। जिस जगह पर जुड़ा उस स्थान पर हिमालय पर्वत बना हुआ है।
पहाड़ बनने के कारण(Due to mountain formation) –
इस दुनिया में Mountain चार तरीको से बन सकता है।
- टेक्टोनिक प्लेट के आपस में मिलने के कारण
- टेक्टोनिक प्लेट के आपस में घिसने के कारण
- लावा के कारण
- नदियों के कारण
1. टेक्टोनिक प्लेट के मिलने के कारण –
टेक्टोनिक प्लेट के आपस में मिलने के कारण पहाड़ का निर्माण होता है । जब टेक्टोनिक प्लेट एक दुसरे के ऊपर चढ़ जाती है तो निचे वाली प्लेट के बल के कारण ऊपर वाली प्लेट पृथ्वी के बाहर निकलकर पहाड़ का निर्माण करती है। इस प्रकार से बने हुए पहाड़ फोल्डेड माउन्टेन कहलाते है। हिमालय फोल्डेड माउन्टेन का उदाहरण है।
2. टेक्टोनिक प्लेट के घिसने के कारण –
जब दो प्लेटे आपस में घिसती है तो उनका भाग बल के कारण निचे धस जाता है । और कुछ भाग बाहर निकल जाते है । इस कारण से जो पहाड़ बनते है उसे ब्लाक माउन्टेन कहते है ।
3. लावा के कारण –
पृथ्वी की भूगर्भ में स्थित लावा , चट्टान के खिसकने के कारण और गैस के भारी दवाव के कारण पृथ्वी से बाहर निकलकर पहाड़ का रूप ले लेता है ।
जब यह बाहर निकलता है तो इस लावा का तापमान हजारो डिग्री सेल्सियस होता है जब कुछ साल बाद यह ठंडा होता है तो चट्टान का रूप ले लेता है।
4. नदियों के कारण पर्वत का बनना –
करोड़ो साल बाद नदी एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाती है । अपने साथ धुल ,मिट्टी ,कक्कड़ आदि साथ लेकर चलती है । जब मिट्टी ,कक्कड़ ,धुल आदि एक स्थान पर जमा हो जाते है तो वहा चट्टान का निर्माण हो जाता है । ऐसा होने में करोड़ो साल का समय लगता है ।
इस दुनिया के 10 सबसे ऊँचे पहाड़(Top 10 highest mountain in the world) –
1. Mount Everest (माउंट एवेरेस्ट)-
दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवेरेस्ट है जो की नेपाल और तिब्बत बार्डर पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 8,848 मीटर (29,029 फूट ) है।इसे पहले XV के नाम से जाना जाता था। बैज्ञानिको का कहना है की इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रही है। नेपाल में इसे सागरमाथा और तिब्बत में इसे चोमोलंगमा कहते है।
2. K2 –
माउन्ट एवेरेट के बाद विश्व की दूसरी सबसे ऊँची पर्वत ल्होत्सो चोटी K2 है । इसकी ऊंचाई 8,611 मीटर (28,251 फिट ) है । यह पर्वत कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान और चीन के झीजियांग सीमा पर काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित है। K2 को माउन्ट एवेरेस्ट की तुलना में सबसे अधिक कठिन और खतरनाक माना जाता है। K2 पर अब तक 246 लोग जबकि माउन्ट एवेरेस्ट पर 2238 लोग चढाई कर चुके है
3. कंचनजंघा –
इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर (28,169 फूट) है । यह सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर स्थित है। कंचनजंघा विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है।
4. ल्होत्से –
कंचनजंघा के बाद विश्व की चौथी सबसे ऊँची सिखर है। ल्होत्सो की ऊंचाई 8,516 मीटर (27,940 फूट) है। जो दक्षिणी घाटी से जुड़ा हुआ है इसके अगल – बगल दो और सिखर है।
5. मकालू –
मकालू विश्व की पांचवी सबसे ऊँची सिखर है। यह एवेरेस्ट के दक्षिण -पूरब में स्थित है जिसकी ऊंचाई 8,485 मीटर (27,838 फूट ) है। यह अलग – अलग चोटिया है जो चार मुखी पिरामिड के समान दिखती है।
6. चोयु –
समुन्द्र तल से ऊपर 8,188 मीटर (26,864 फूट) विश्व का छठा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पर्वत तिब्बत – नेपाल सीमा पर माउन्ट एवेरेस्ट की महालंगुर हिमालय से 20 किलोमीटर की खुंबू उपभाग के पश्चिम में स्थित है। तिब्बत में चोयु का मतलब ‘मरकत देवी ‘ है।
7. धौलागिरी –
इसकी ऊंचाई 8,167 मीटर (26,795 फूट) है जो नेपाल में कालीगण्ड की नदी से शुरू होकर 120 किलोमीटर की दुरी स्थित भेरी नदी तक चलता है। धौलागिरी हिमालय एक पर्वतीय पुंजक है । यह विश्व का 7 वां सर्वोच्च पर्वत भी है।
8. मनास्लु –
8,163 मीटर (26,781 फूट) ऊँचा पर्वत मध्योतर नेपाल के गोरखा जिले में स्थित है। और हिमालय के मानसिरी हिमाल नामक भाग का सदस्य है । मनास्लु को कुतंग भी कहते है।
9. नंगा पर्वत –
इसकी उचाई 8,125 मीटर (26,658 फूट ) है। इसे दुनिया का कातिल पहाड़ भी कहा जाता है । क्योकि इसपर चड़ने वाले बहुत से लोगो की जाने जा चुकी है। यह परवत पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित गिलगित – बलिस्तान के क्षे त्र में आता है , भारत का क्षेत्र है।
10. अन्नपूर्णा-
उत्तर मध्य नेपाल में स्थित अन्नपूर्णा पर्वत विश्व का दसवाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। इसकी ऊंचाई 8,091 मीटर (26,545 फूट) है। यह पश्चिम में काली गण्डकी तंग घाटी, उत्तर और पूर्व में मर्श्यान्गदी नदी और दक्षिण में पोखरा घाटी द्वारा घिरा हुआ है।
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