फेसबुक (Facebook) ने गुरुवार को अपने रीब्रांड के तौर पर अपना नाम चेंज कर लिया. कंपनी ने कहा कि वह खुद को “Meta” के रूप में रीब्रांड करेगी. सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी का नया नाम बताता है कि कंपनी अपने नए मेटावर्स (Metaverse) के निर्माण पर फोकस्ड है.
Meta का अर्थ क्या है –
Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग के मुताबिक मेटा का ग्रीक में मतलब Beyond होता है, यानी हद से पार. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर मेटा इसलिए किया गया है ताकी इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा आगे एक वर्चुअल दुनिया में ले जाया जा सके.
Metaverse –
Metaverse एक ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी जिसमें लोग अपने कमरे में बैठ कर एक साथ कई जगहों पर अलग अलग अवतार के जरिए अलग अलग काम कर सकते हैं. इंटरनेट की इस नई दुनिया को मेटावर्स का नाम दिया गया है. मेटावर्स तकनीक का ऐसा ब्रह्मांड(Universe) जिसमें आभासी तौर पर इंसान उन जगहों पर मौजूद हो सकता है, जिसे वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी यानी संवर्धित वास्तविकता के जरिए हासिल किया जा सके. वैसे तो वीडियो(Video) गेम्स में इस तर्ज पर काफी काम हो चुका है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों की दुनिया में इसके दाखिल होने की प्रक्रिया को लेकर काफी चर्चा हो रही है.
‘मेटावर्स’ पूरी दुनिया में आज इस एक शब्द का हल्ला है। वजह है Facebook के सीईओ मार्क जुकरबर्ग। Zuckerberg ने अपनी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के नाम को बदलने का ऐलान किया है। अब इसका नया नाम ‘मेटा’ होगा। इसके पीछे भविष्य की तकनीक मेटावर्स है। मेटावर्स वो तकनीक है, जो वर्चुअल और रियल दुनिया के बीच का फर्क बहुत हद तक कम कर देगा।
इसी तकनीक पर फोकस करने के लिए फेसबुक का नाम बदलने की कवायद की गई है। जुकरबर्ग ने कहा, ‘मेटावर्स प्रोजेक्ट का मिशन पूरा करने के लिए हम खुद को री-ब्रांड कर रहे हैं। अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा।’
ऐसे में जानना दिलचस्प होगा कि मेटावर्स शब्द कहां से आया और पहली बार ये कहां सुना और पढा गया था।
बता दें कि साइंस फिक्शन ‘स्नो क्रैश’ पर एक बेहद लोकप्रिय नॉवेल है, जिसे अमेरिकन लेखक नील स्टीफेंसन ने लिखा है। इसी साइंस फिक्शन में ‘मेटावर्स’ शब्द का पहली बार इस्तेमाल किया गया था। इस नॉवेल की कहानी में रियल दुनिया यानी हकीकत की दुनिया के लोग वर्चुअल वर्ल्ड में प्रवेश करते हैं और इस तरह उसकी कहानी आगे चलती है।
यह नॉवेल 1992 में प्रकाशित हुआ था। साइंस फिक्शन के बारे में जानने वाले लोग आज भी इसी नॉवेल को पढ़ना पसंद करते हैं। इसमें साइंस के अलावा कम्प्यूटर, क्रिप्टोकरेंसी, धर्म और फिलोसॉफी आदि कई विषयों पर चर्चा की गई है। इसी के तहत मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
क्या फेसबुक का नाम मेटा होगा –
वैसे Facebook, Instagram, और Whatsapp के नाम में कोई परिवर्तन नहीं होगा बल्कि इनकी एक पैरेंट कंपनी बनाई जाएगी जिसका नाम Meta होगा.
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