पुरातत्वविदों ने माया सभ्यता(Maya Civilization) का एक प्राचीन शहर खोजा है जो महलों, पिरमिडों और बाजारों से भरा हुआ है. मैक्सिको(Mexico) के युकातान प्रायद्वीप पर एक निर्माण स्थल के इलाके में यह शहर मिला.
माया सभ्यता का मिला एक शहर
मैक्सिको(Mexico) के युकातान प्रायद्वीप पर मेरिडा के नजदीक एक इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण के दौरान एक ऐसी खोज हुई है जो इतिहास के बारे में मनुष्य की जानकारी को अलग मुकाम पर ले जा सकती है. पुरातत्वविदों को यहां एक शहर मिला है, जो विलुप्त हो चुकी माया सभ्यता(Maya Civilization) का माना जा रहा है. इस शहर में महल, पिरामिड और बाजारों की भरमार मिली है.
इस शहर को हिओल नाम दिया गया है. पुरातत्वविदों हिओल में माया सभ्यता की पहचान रहे विशेष आर्किटेक्चर के प्रतीक स्पष्ट देखे जा सकते हैं. वैसे युकातान पर Maya Civilization(माया सभ्यता) से जुड़ी चीजें पहले भी मिलती रही हैं, लेकिन जिस मेरिडा इलाके में यह खोज हुई है, वहां इस शहर का मिलना एक असामान्य घटना है.
इस शहर की खुदाई के अभियान में शामिल रहे पुरातत्वविदों में से एक कार्लोस पेराजा ने बताया कि इस शहर पर 600-900 एडी में माया सभ्यता का कब्जा रहा होगा. उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि यहां 4,000 से ज्यादा निवासी रहते होंगे. इनमें अलग-अलग वर्गों के लोग थे. पुजारी और लेखक थे, बड़े-बड़े महलों में रहने वाले लोग थे और छोटे भवनों में रहने वाले आम लोग भी थे.”
खुदाई के दौरान मिले सामान
शोधकर्ताओं को इलाके में कब्रिस्तान भी मिले हैं जहां वयस्कों और बच्चों को दफनाया जाता होगा. इन कब्रों में औजार, बर्तन और अन्य सामान भी मिला है जो शवों के साथ दफनाया गया होगा. इलाके में समुद्री जीवन के निशान भी मिले हैं, जो बताता है कि शहर के लोग तटीय इलाकों में मछली पकड़ने आदि कामों में संलग्न रहे होंगे. यह भी पता चलता है कि कृषि से मिले उत्पादों के अलावा मछली जैसी चीजें भी उनके खाने में शामिल रही होंगी.
पेराजा ने बताया, “समय के साथ-साथ इस इलाके में शहरों के निर्माण हुए हैं और पुरातात्विक महत्व की बहुत सी चीजें नष्ट हो गई हैं. लेकिन हम पुरातत्वविदों को भी हैरत हुई है क्योंकि हमें इतनी संरक्षित हालत में किसी जगह के मिलने की उम्मीद नहीं थी.
हिओल की खोज मेरिडा में एक ओद्यौजिक पार्क का निर्माण शुरू होने के बाद हुई. यह ओद्यौगिक पार्क अब भी बनाया जाएगा लेकिन पुरातत्वविदों का कहना है कि खोज में मिली चीजों को संभालकर रखा जाएगा.
रहस्यमय से भरी माया सभ्यता
पुरतत्वविदों के लिए Maya Civilization प्राचीन इतिहास का एक रहस्यमयी काल रहा है. यह सभ्यता उत्तर और दक्षिण अमेरिका के विशाल इलाके में फैली हुई थी. इसका अब तक मिला सबसे बड़ा केंद्र ग्वाटेमाला के तिकाल में है, जहां विशालकाल मंदिर, बाजार और पिरामिड मिले हैं.
तिकाल का महाकाय जैगुआर मंदिर 700 एडी(AD का मतलब ईसा मसीह के जन्म के बाद की तारीख) में बना माना जाता है. मास्क्स और आर्कोपोलीस के मंदिर तिकाल की महत्वपूर्ण जगहों में हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक स्पेन द्वारा मेक्सिको और मध्य अमेरिका पर कब्जे से पहले पश्चिमी गोलार्थ में माया सभ्यता ही सबसे बड़ा साम्राज्य था.
जब सभ्यता अपने चरम पर थी
माया सभ्यता के जानकार कहते हैं कि जब यह सभ्यता अपने चरम पर थी, तब इसका विस्तार कम से कम 40 शहरों में था जिनमें से हरेक की आबादी 5,000 से 50,000 के बीच थी. माया सभ्यता की कुल आबादी 20 लाख तक पहुंची थी. लेकिन 900 ए़डी के बाद इस सभ्यता का पतन शुरू हो गया और धीरे-धीरे सारे शहर जंगलों में तब्दील हो गए.
माया सभ्यता
अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी. माया सभ्यता मैक्सिको की एक महत्वपूर्ण सभ्यता थी. इस सभ्यता का आरम्भ 1500 ई० पू० में हुआ. यह सभ्यता 300 ई० से 900 ई० के दौरान अपनी उन्नति के शिखर पर पहुंची इस सभ्यता के महत्वपूर्ण केन्द्र मैक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास एवं अल – सैल्वाड़ोर में थे. यद्यपि माया सभ्यता का अंत 16 वी शताब्दी में हुआ किन्तु इसका पतन 11 वी शताब्दी से आरम्भ हो गया था.
माया सभ्यता (Maya Civilization History In Hindi) की बात की जाए तो यह सभ्यता मुख्यतया कृषि पर आधारित थी जिसमें कई भारतीय सभ्यताओं की झलक देखने को मिलती हैं। माया सभ्यता के लोग बहुत ही चतुर, बुद्धिमान और कई कलाओं में पारंगत थे। लेखन, ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, लोक कला और गणित जैसे क्षेत्रों में अग्रणीय थे। साथ ही धर्म का भी विशेष महत्व था। इस सभ्यता में बने पिरामिड आगे चलकर धार्मिक केंद्रों के रुप में विकसित हुए.
माया सभ्यता कैलेंडर(Calendar)
माना जाता है कि माया सभ्यता के लोगों को कला से लेकर गणित, वास्तुशास्त्र और ज्योतिष जैसे क्षेत्रों में महारत हासिल थी. इसके अलावा खगोलीय ज्ञान में तो वो निपुण थे. उन्होंने एक कैलेंडर भी बनाया था, जिसमें विभिन्न धार्मिक त्योहारों और खगोलीय घटनाओं का वर्णन मिलता है. इसे माया सभ्यता का कैलेंडर कहा जाता है. शायद आपको पता न हो, लेकिन माया सभ्यता के कैलेंडर में ही इस बात की भविष्यवाणी की गई थी कि 2012 में दुनिया खत्म हो जाएगी. हालांकि यह भविष्यवाणी गलत साबित हुई थी.
शासन व्यवस्था
वैसे माना सभ्यता की शासन व्यवस्था के बारे में तो कोई खास जानकारी नहीं है, लेकिन माना जाता है कि माया शासक सामान्यतः पुरुष ही हुआ करते थे. कभी कभार ही रानियां शासन करती थीं. इस सभ्यता में राजा का पद पैतृक होता था, जिसके मुताबिक उसकी मौत के बाद उसका बड़ा बेटा ही राजा बनेगा. ऐसा माना जाता है कि राजा के सिंहासन पर बैठते समय देवताओं को खुश करने के लिए इंसानों की बलि भी दी जाती थी.
चीचेन इट्जा(Chichén Itzá)
मेक्सिको में मौजूद चीचेन इट्जा को माया सभ्यता द्वारा बनाया गया एक बड़ा शहर और प्रमुख केंद्र माना जाता है. यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. चिचेन इट्जा में आकर्षण का केंद्र पिरामिड एल कैस्टिलो है. पहले पर्यटक इसपर चढ़ते थे, लेकिन बाद में इसपर रोक लगा दी गई. फिलहाल यहां की करीब 42 मीटर ऊंची नोहच मुल ही एकमात्र ऐसी माया पिरामिड है, जिसपर पर्यटकों को चढ़ने की अनुमति है.
इसे भी पढ़े-
Leave a Reply