मलेशिया एयरलाइंस उड़ान 370 बोइंग 777- 200ER विमान द्वारा संचालित एक अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान है जो थाईलैंड की खाड़ी में 8 मार्च 2014 को लापता हो गई थी। विमान में 227 यात्रियों के साथ-साथ 12 चालक दल के सदस्य भी हैं।
कभी-कभी दुनिया में ऐसी घटनाएं भी घट जाती हैं, जिसपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। एक ऐसी ही घटना साल 2014 में घटी थी, जो अब तक दुनियाभर के लोगों के लिए एक रहस्य ही बना हुआ है। दरअसल, मलयेशिया एयरलाइंस का एक जहाज 239 लोगों के साथ आसमान से ही अचानक गायब हो गया था। इस रहस्यमय घटना को छह साल होने वाले हैं, लेकिन इसका सुराग आज तक किसी को भी नहीं मिला है।
मलेसिया से उड़ान भरी
वो आठ मार्च 2014 का दिन था। मलयेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच-370 ने राजधानी कुआलालंपुर से उड़ान भरी। उसे उसी दिन चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचना था, लेकिन विमान के उड़ने के कुछ ही समय बाद उसका संपर्क यातायात नियंत्रण केंद्र से टूट गया। इसके बाद विमान के गायब होने को लेकर कई तरह की बातें हुईं, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
हाईजैक का अंदाजा
पहले यह अंदाजा लगाया गया कि शायद विमान को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया है, लेकिन फिर बाद में इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले। इसके बाद फिर यह माना गया कि शायद विमान कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा। इसको लेकर फिर तलाशी अभियान शुरू हुआ। कई महीनों तक और कई देशों में विमान की खोजबीन चलती रही, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
ढूढ़ने के बाद भी नहीं पता चला
कहते हैं कि एक लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा के दायरे में विमान की खोजबीन चली, लेकिन जहाज का कुछ पता नहीं चला। किसी विमान को खोजने का यह इतिहास में अब तक का सबसे लंबा अभियान था। इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए थे। कई देशों ने भी इस तलाशी अभियान में मलयेशिया की मदद की थी। इसके बाद भी एमएच-370 को ढूंढ़ा नहीं जा सका।
कुल 239 लोग सवार थे
जानकारी के मुताबिक, इस जहाज में कुल 239 लोग सवार थे, जिसमें 227 यात्रियों के साथ-साथ 12 चालक दल के सदस्य भी शामिल थे। इनमें सबसे ज्यादा संख्या चीन के यात्रियों की थी, उसके बाद मलयेशिया के। कहते हैं कि आखिरी बार विमान को हिंद महासागर के ऊपर उड़ान भरते पाया गया था, लेकिन उसके बाद वो अचानक रडार की पकड़ से बाहर हो गया था। इसके बाद उसका किसी को कुछ पता नहीं चला। हर तरफ से निराशा मिलने के बाद थक-हारकर जनवरी 2017 में विमान का तलाशी अभियान भी आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया था।
पायल पर सक किया गया था
इस विमान के पायलट जहारी अहमद शाह थे। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने यह दावा करते हुए सबको चौंका दिया था कि मलयेशिया के उच्च अधिकारियों का मानना है कि एमएच-370 फ्लाइट को उसके कप्तान ने ही जानबूझ कर समुद्र में डुबा दिया था। उनका दावा था कि कप्तान आत्मघाती था, जिसने विमान में सवार सभी लोगों की जान ले ली। हालांकि, अपने इस दावे से संबंधित कोई सबूत उन्होंने पेश नहीं किया था। इस तरह उनका दावा भी महज एक अनुमान ही माना जा रहा है। इस विमान का गायब होना अब भी एक अनसुलझी पहेली ही बना हुआ है।
चार साल से अंतरराष्ट्रीय टीमें MH370 को तलाशने में लगी हुई हैं. खोज अभियान में अभी तक 200 मिलियन डॉलर (करीब 1460 करोड़ रुपये) खर्च किए जा चुके हैं. 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विमान को ढूंढा जा चुका है. मगर कुछ भी हाथ नहीं लगा है. 8 मार्च, 2014 को जहाज ने कुआलांम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी. विमान में 239 यात्री और क्रू सदस्य थे. मगर यह विमान हवा में ही लापता हो गया और बरसों तक तलाशने के बावजूद निराशा ही हाथ लगी है.
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