कीड़ा जड़ी(Keeda Jadi) क्या है जिसके लिए चाइना बेचैन रहता है, यहाँ तक की यह इसको पाने के लिए भारत में घुसपैठ करता करता रहता है . बताया जाता है की यह कीड़ा जड़ी लाखो में बिकती है. आईये जानते है बिस्तार से इसके बारे में.
कीड़ा जड़ी क्या है
यह एक तरह की जड़ी बूटी है . इसका आकार एक तरफ कीड़े जैसा और एक तरफ जड़ जैसा होता है. जिसे कोर्डीसेप्स (Cordyceps) कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम ओफियोकार्डिसेप्स साइनेंसिस (Ophiocordyceps sinensis) है, चाइना और नेपाल में इसे ‘यार्सागुम्बा’ (Yarsagumba) के नाम से जाना जाता है. तिब्बती इसे ‘यार्सगानबु’ कहते हैं. कई जगह पर इसे ‘कैटरपिलर फंगस’ (Caterpillar Fungus) कहा जाता है.
इस जड़ी का इस्तेमाल
चीन और भारतीय हिमालय वाले इलाको में इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सक किडनी और नपुंसकता जैसी बीमारियों में होता है. इसे 21 अलग-अलग बीमारियो में इस्तेमाल किया जाता है.
- शरीर की एनर्जी को बढ़ता है
- सुजन को कम करता है
- दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
- मेमोरी को बढ़ाना
- इम्युनिटी बढ़ाने में कामगार
- इसमे नेचुरल एंटी कैंसर एजेंट पाया जाता है
- सेक्स ड्राइव को बढ़ाना
- कोलेस्ट्राल लेवल को कंट्रोल करना
कीड़ा जड़ी बूटी की कीमत
यह बूटी काफी महँगी बिकती है चीन, हॉन्ग कॉन्ग देशों में इसे मोटे दाम में बेचा जाता है जिसकी कीमत 60 लाख रुपये किलो है यह जानकारी इंडो पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन (IPCSC) center से पता चली चली है. यह जड़ी सोने से भी महँगी बिकती है. 2009 तक इसकी कीमत 10 लाख रुपये के करीब थी. इस समय इसकी मार्केट वैल्यू 107 करोड़ रुपये आकी गयी है
कहाँ पायी जाती है कीड़ा जड़ी
कीड़ा जड़ी(keeda jadi) मुख्या रूप से भारतीय हिमालय और दक्षिणी पक्षिम चीन में किंघई तिब्बती पठार में बहुत ऊंचाई पर पाया जाता है सिक्किम में यह 4500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर जाया जाता है
हिमालयी क्षेत्रों के गांव कीड़ा जड़ी पर ही निर्भर
IPCSC की रिपोर्ट बताती है कि फंगस(keeda jadi) की कीमत इतनी ज्यादा है कि इसे इकट्ठा करने और बेचने से ही हिमालयी क्षेत्रों में पूरे कस्बों की अर्थव्यवस्था चलती है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि फंगस का व्यापार हिमालय और तिब्बती पठार में 80 फीसदी परिवारों की इनकम का स्रोत है
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