ब्लैक होल (Black Hole) को हिन्दी में कृष्ण विवर कहते हैं। ब्लैक होल के बारे में सभी ने सुना होगा लेकिन हो सकता है कि कम लोग ही जानते होंगे कि Black hole क्या होता. क्या आप जानते हैं कि ब्लैक होल क्या होता है? नहीं, तो चलिए जान लेते हैं कि यह क्या होता है.
ब्लैक होल को लेकर कितनी ही फिल्में बन चुकी हैं. ये अंतरिक्ष की वो जगह है जहां Physics का कोई कायदा-कानून नहीं चलता है. इसका गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि इसके भीतर जाने के बाद कोई भी चीज बाहर नहीं आ पाती है, यहां तक कि प्रकाश भी. ब्लैक होल पर जो भी रौशनी पड़ती है, तुरंत भीतर गायब हो जाती है.
आप इसे इस तरह समझें कि जब हम किसी टॉर्च से प्रकाश डालते हैं तो वह प्रकाश रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों पर आता है तभी वह चीज हमें दिखाई देती है, लेकिन यदि मान लो कि प्रकाश वापस लौट कर ही नहीं आया तो वह जगह ब्लैक होल हो सकता है। ऐसा ही स्पेस में होता है।
क्या ब्लैक होल एक तारा होता है –
Black Hole किसी तारे का आखिरी वक्त माना जा सकता है. जब कोई विशाल तारा खत्म होने की ओर होता है तो अपने ही भीतर सिकुड़ने लगता है. आखिर में ये ब्लैक होल बन जाता है जो अपने भीतर किसी भी बड़ी से बड़ी चीज को निगल सकता है.
दरअसल, जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बड़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचाकर अंदर चला जाता है। वह सब कुछ अपने में निगलने लगता है। इसके प्रभाव क्षेत्र को ही इवेंट हॉराइजन कहते हैं। किसी भी चीज का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।
स्टीफ़न हॉकिंग का इवेंट हॉराइज़न
इसके बाहरी हिस्से को इवेंट हॉराइज़न कहते हैं. क्वांटम प्रभाव के चलते इससे गर्म कण टूट-टूट कर ब्रह्माण्ड में फैलने लगते हैं.
स्टीफ़न हॉकिंग की खोज के मुताबिक हॉकिंग रेडिएशन के चलते एक दिन ब्लैक होल पूरी तरह द्रव्यमान मुक्त हो कर ग़ायब हो जाता है.
जब आप ब्लैक होल के अंदर पहुंचते हैं, केंद्र तक वो असीम घुमावदार होता है. वहां आकर समय और स्पेस दोनों अपना अर्थ खो देते हैं और भौतिक विज्ञान को कोई नियम काम नहीं करता.
यहां पहुंचने के बाद क्या होगा, कोई नहीं जानता. क्या कोई दूसरा यूनिवर्स आ जाएगा या फिर आप सब कुछ भूल कर नई दुनिया में पहुंच जाएगे. यह रहस्य अब तक बना हुआ है.
पृथ्वी से 30 लाख गुना बड़ा है ब्लैक होल-
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की पहली तस्वीर जारी की है. यह गैलैक्सी में लगभग 4000 करोड़ में फैला हुआ है और आकार में पृथ्वी से तीस लाख गुना बड़ा है.
ये तस्वीर इवेंट हॉरिज़न टेलिस्कोप से ली गई है जो आठ टेलिस्कोप का एक नेटवर्क है.
इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर हेनियो फ़ैल्के ने बीबीसी को बताया कि ब्लैक होल एम87 गैलेक्सी में पाया गया है.
ये हमारे सोलर सिस्टम से भी बड़ा है और वज़न में सूर्य से 650 करोड़ से ज़्यादा भारी है. ये ब्रह्मांड में मौजूद सबसे बड़ा ब्लैक होल है.
इस तस्वीर में ब्लैक होल के चारों ओर आग का एक गोला नज़र आ रहा है. प्रोफ़ेसर फ़ैल्के इसके बारे में बात करते हुए कहते हैं कि ये बेहद गरम गैसें हैं जो इस ब्लैक होल में जाकर गिरती हैं.
ब्रह्मांड के करोड़ों तारों को मिलाकर जितनी रौशनी होगी यह ब्लैक होल उससे भी ज़्यादा चमकदार है. इसीलिए इसे इतनी दूरी होने का बावजूद टेलीस्कोप के ज़रिए देखा जा सका.
Black Hole में गिर जाये तो क्या होगा –
यह हो सकता है कि आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश में निकले हों या फिर अंतरिक्ष यान से बाहर निकले हों और तभी ब्लैक होल की चपेट में आ जाएं और उसमें गिर जाएं। ऐसे में आपके साथ क्या होगा, इसकी कई संभावनाएं हैं। मतलब यह कि एक बात तो स्पष्ट है कि ब्लैक होल में गिरने के बाद आप ब्लैक होल की बाहरी सतह पर जल कर राख हो सकते हैं या फिर उसके अंदर आसानी से पहुंचकर अनंत गहराइयों में खो सकते हैं.
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