Agniveer
Agnipath योजना सैलरी
इन चार सालों में उन्हें 30,000 से 40,000 रुपये वेतन, उसके अलावा कई तरह के भत्ते और मेडिकल, बीमा आदि सुविधाएं मिलेंगी. चार सालों के बाद इनमें से सिर्फ 25 प्रतिशत सैनिकों को सेना के सामान्य कैडर में शामिल किया जाएगा और वो लोग गैर अधिकारी रैंकों पर पूरे 15 सालों तक सेवाएं देंगे.
सेवाएं
बाकी को चार सालों के बाद सेना(Indian Forces) छोड़ देनी पड़ेगी. छोड़ने के समय उन्हें 11.71 लाख का टैक्स फ्री ‘सेवा निधि’ पैकेज दिया जाएगा, लेकिन कोई भी पेंशन सुविधाएं नहीं दे जाएंगी. सेवा के चार सालों के दौरान हर अग्निवीर को 48 लाख का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा.
अनुमान है कि देश के 5.2 लाख करोड़ के कुल रक्षा बजट में से आधा वेतन और पेंशन पर खर्च होता है. इस खर्च को अगर कम किया जा सके तो सेना हथियारों की खरीद और आधुनिकिकरण पर खर्च बढ़ा पाएगी.
पहला बैच 2023 में
इस योजना के तहत पहली भर्ती प्रक्रिया 90 दिनों के अंदर शुरू करने की योजना है और पहला बैच 2023 में आएगा. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना(Indian Army), भारतीय वायु सेना(Indian Airforce) और भारतीय नेवी(Indian Navy) में भर्तियों के लिए इस नई योजना को लांच किया है.
महिलाएं भी देंगी सेवा
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, ‘फिलहाल, नौसेना में महिला अधिकारी हैं। अग्निवीर योजना के चलते महिला सेलर (नाविक) भी शामिल हो सकेंगी। यह एक बड़ा कदम है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और हम किसी परेशानी का सामना नहीं करेंगे। यहां पहले ही महिला अधिकारी मौजूद हैं।’
क्या होगा प्रभाव
कई मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि योजना के तहत महिलाओं की भी सेना(Indian Forces) में सीधी भर्ती हो सकेगी. हालांकि जानकारों ने इस योजना के सेना पर होने वाले दूरगामी असर को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं.
कई जानकारों ने कई बिंदुओं पर आशंका व्यक्त की है. जैसे क्या सिर्फ चार साल एक सैनिक को तैयार करने और फिर सेवा देने के लिए काफी हैं? जिस सिपाही को मालूम है कि उसे सिर्फ चार सालों तक सेना के लिए काम करना है तो क्या वो पूरी लगन से सेना की सेवा कर पाएगा?
इसके अलावा क्या उसे इन चार सालों के बाद फिर से नौकरी ढूंढने की चिंता हमेशा सताती नहीं रहेगी? हालांकि इन सभी सवालों का जवाब आने वाले दिनों में ही मिल पाएगा. जब ये भर्तियां खुलेंगी तब देखना होगा कि इसमें कितने लोग आवेदन करते हैं.
चार साल की सेवा के बाद कहां-कहां मिलेगी नौकरी?
पैरामिलिट्री फोर्स:
गृहमंत्री अमित शाह ने अग्निवीरों के लिए बड़ा एलान किया. कहा कि सेना में चार साल सेवा करने के बाद अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की भर्ती में वरीयता मिलेगी. इनमें बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पैरामिलिट्री फोर्स को भी फायदा मिलेगा और सेना से सेवा समाप्त होने के बाद अग्निवीर भी बेरोजगार नहीं घूमेंगे.
असम राइफल्स :
गृहमंत्रालय ने असम राइफल्स की भर्ती में भी अग्निवीरों को वरीयता देने का फैसला लिया है. असम राइफल्स भी एक तरह से पैरामिलिट्री फोर्स का ही हिस्सा है.
मध्य प्रदेश पुलिस :
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अग्निवीरों के लिए बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा कि सेना में चार साल की सेवा करने के बाद युवाओं को मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में भी वरीयता मिलेगी.
यूपी :
अग्निवीरों को यूपी पुलिस व होम गार्ड्स की भर्ती में भी वरीयता मिल सकती है. हालांकि, अभी इसके लिए आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. योगी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि अग्निवीरों को वरीयता देने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एलान करेंगे.
केंद्रीय विभाग :
अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की नौकरी करने के बाद युवाओं को केंद्र सरकार के तमाम विभागों में वरीयता देने की तैयारी है. इसमें रेलवे, डाक, स्वास्थ्य विभाग, खेल विभाग शामिल है.
अन्य राज्य सरकार :
केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना के एलान के बाद अब राज्य सरकारों ने भी तैयारी शुरू कर दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी इसका एलान किया था कि आने वाले कुछ दिनों में कई राज्य सरकारें अग्निवीरों को नौकरियों में वरीयता देने से जुड़ा एलान करेंगी.
भारतीय जनता पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की नौकरी करने वाले जवानों को ज्यादातर राज्यों की भर्ती प्रक्रिया में वरीयता मिलेगी. खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में.
सिविल सर्विसेज :
आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिए होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा में भी अग्निवीरों को वरीयता मिलेगी.
सेना में अफसर बनने का भी विकल्प :
अग्निवीरों के पास सेना में चार साल की सेवा देने के बाद अफसर बनने का विकल्प भी होगा. ऐसे नौजवान अपनी पढ़ाई पूरी करके सीडीएस और शार्ट सर्विसेज के जरिए सेना(Indian forces) में अफसर बन सकते हैं. रिटायर्ड कर्नल अशोक मोर बताते हैं कि सीडीएस में आयु सीमा 25 साल की होती है, जबकि शार्ट सर्विसेज में 26 साल। ऐसे में अगर कोई युवा साढ़े 17 साल में अग्निवीर बनता है तो उसे सेना में साढ़े 21 साल की उम्र तक सेवा देना होगा. इसके बाद स्नातक करके वह सीडीएस और शार्ट सर्विसेज के लिए अर्ह होगा.
सबसे ज्यादा जवान किस राज्य के है
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा यूपी के 2.14 लाख जवान उत्तर प्रदेश के हैं. इनमें 1.44 लाख युवा थल सेना में ओआर हैं, जबकि 18407 जेसीओ हैं. इस मामले में दूसरे नंबर पर राजस्थान है, जहां के 1.05 लाख युवा भारतीय सेना में अलग-अलग पदों पर तैनात हैं. तीसरे नंबर पर बिहार है. यहां के 1.02 लाख युवा सेना में हैं. चौथे नंबर पर पंजाब आता है. पंजाब के 94 हजार 723 युवा भारतीय सेना के तीनों अंगों में सेवा दे रहे हैं.
Sahil says
Sir iske form bharna hoga
Mukesh says
isake bre me official notice aayegi