उत्तर कोरिया(North Korea) में विदेश मंत्री पद की जिम्मेदारी पहली बार एक महिला को सौंपी गई है. चोए सोन हुई(Choe Son-hui) ऐसे समय में विदेश मंत्री बनी हैं जब उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के बावजूद फिर अपने हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है.
North Korea’s First Female Foreign Minister
उत्तर कोरिया ने पहली बार एक महिला को विदेश मंत्री बनाया है. सरकारी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व उप विदेश मंत्री चो सन हुई (Choe Son-hui) को विदेश मंत्री बनाया गया है. चो सन हुई पूर्व राजनयिक भी रह चुकी हैं. राजनयिक के साथ-साथ चो सन हुई एक शीर्ष परमाणु वार्ताकार भी हैं. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की अध्यक्षता में पार्टी की आठवीं केंद्रीय समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया.
किम जोंग उन की तरह बेहद खतरनाक
उत्तर कोरिया ने अपना विदेश मंत्री ऐसे समय में नियुक्त किया है जब कोरियाई प्रायद्वीप में लगातार तनाव है. उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है. चो सन हुई(Choe Son-hui) ने पूर्व सैन्य अधिकारी री सोन ग्वोन की जगह ली है. ग्वोन पहले दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत का नेतृत्व कर चुके हैं. चो सन हुई अंग्रेजी भाषा में निपुण हैं. अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता के दौरान किम जोंग उन के करीबी के रूप में वह काम कर चुकी हैं. वह किम और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हनोई शिखर सम्मेलन में भी गई थीं.
चो सन हुई(Choe Son-hui) अपने फैसले मनवाने में कुशल बतायी जाती हैं. चो सन हुई(Choe Son-hui) के बारे में बताया जाता है कि वह किम की तरह ही अनिश्चित, अप्रत्यशित फैसले करने वाली और बेहद खतरनाक हैं.
न्यूक्लियर टेस्ट करने की तैयारी
उत्तर कोरिया के साथ परमाणु वार्ता लगभग रुकी हुई है. अमेरिका लगातार बातचीत का प्रस्ताव दे रहा है, लेकिन उत्तर कोरिया की ओर से इसकी अनदेखी की जा रही है. उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम ने मंगलवार को कहा कि 2017 के बाद से उत्तर कोरिया अपना पहला और अब तक का सातवां परमाणु परीक्षण करना चाह रहा है. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ओर से भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण के लिए एक जगह तैयार कर रहा है. हो सकता है ये परमाणु परीक्षण करे.
हथियारों को बढ़ाने पर जोर
KCNA की रिपोर्ट के मुताबिक किम ने पार्टी मीटिंग में हथियारों को दोगुना करने पर जोर दिया है. किम ने अपने बढ़ रहे हथियारों को लेकर बचाव किया और कहा कि हमारी सुरक्षा के लिए ये जरूरी है. किम ने कहा कि आत्मरक्षा, संप्रभुता के लिए ये जरूरी है. किम ने इस दौरान सत्ता के लिए सत्ता और आमने सामने की लड़ाई को पार्टी का अटल सिद्धांत बनाया.
इस बारे में ज्यादा ब्यौरा दिए बिना सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि किम ने कहा कि उनके सशस्त्र बल और सैन्य वैज्ञानिक “सैन्य लक्ष्यों” को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने अपने बयान में परमाणु हथियार या फिर दक्षिण कोरिया का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया.
चुनौतियों के लिए तैयार
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ली योंग सुप ने उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियों की निंदा की है. उत्तर कोरिया ने इस साल अब तक कई बार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है. शांगरि-ला संवाद सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात में ऑस्टिन और ली ने “दोनों देशों के प्रस्तावित साझा सैन्य अभ्यासों का दायरा और स्तर बढ़ाने पर सहमति जताई ताकि त्वरित प्रतिरोध क्षमता बनाई रखी जा सके और स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहा जा सके.”
दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, “रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इसमें परमाणु क्षमताओं समेत अमेरिका की समूची क्षमताओं की मदद ली जाएगी.”
कितने परमाणु हथियार है दुनिया में
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान(STOCKHOLM INTERNATIONAL PEACE RESEARCH) यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार(nuclear weapon) मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है.
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.
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