नवरात्रि(Navratri) हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है. नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’. इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान,देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है. जानें नवरात्रि कब है और यह क्यों मनाया जाता है, क्या है वैज्ञानिक कारण.
इस बार(2022) शारदीय नवरात्रि(Navratri date 2022) का महापर्व 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होगा और 5 अक्टूबर, बुधवार तक मनाया जाएगा.
शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र 26 सितंबर 2022 से शुरु हो रहे हैं. इसका समापन 5 अक्टूबर 2022 को होगा. साल में चार नवरात्रि होती है दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष. हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती है. नौ दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा (Devi durga) के नौ रूपों की पूजा की जाती है औऱ दशमी तिथि के दिन दशहरा (Dusshera) मनाया जाता है
माँ दुर्गा के नौ रूपों के बारे में
नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाती है. माता दुर्गा के इन सभी नौ रूपों का अपना अलग महत्व है. माता के प्रथम रूप को शैलपुत्री, दूसरे को ब्रह्मचारिणी, तीसरे को चंद्रघण्टा, चौथे को कूष्माण्डा, पांचवें को स्कन्दमाता, छठे को कात्यायनी, सातवें को कालरात्रि, आठवें को महागौरी तथा नौवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है.
नौरात्रि मनाने का वैज्ञानिक कारण
यदि इस(shardiya navratri 2022) पर्व को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो दोनों नवरात्र ऋतु संधिकाल में आते हैं यानी जब दो ऋतुओं का समागम होता है. उस दौरान शरीर में वात, पित्त, कफ का समायोजन घट बढ़ जाता है. रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर हो जाता है. ऐसे में इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए नौ दिन माता के पूजन व व्रत करके अनुशासनयुक्त जीवन जीने से शरीर की साफ सफाई होती है. ध्यान से मन की शुद्धि होती है और हवन से वातावरण शुद्ध होता है और हमारी इम्यूनिटी बढ़ती है. नौ दिन हमारा मन शांत रहता है.
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